ये हैं सरदार मोहन सिंह कुरील चमार रेजिमेंट के कंमाडर जिन्होने द्वितीय विश्व युद्ध में जर्मन के लिए लड़ाई लड़ी थी युद्ध के बाद हिटलर ने उन्हें इनाम देना चाहा तो सरदार जी ने कहा कि हमें अच्छे से अच्छे हथियार दीजिए क्योंकि हमें सुभाष चंद्र बोस जी जैसे देशभक्त के साथ अपने देश को आजाद करवाना है
हिटलर ने फिर उन्हें जो हथियार दिये वही हथियार आजाद हिन्द फौज ने इस्तेमाल किए और सही मायने मे इस लड़ाई में रंगून में पचास हजार से ज्यादा अंग्रेजी फौज के मारे जाने के बाद ही अंग्रेजो ने भारत छोड़ने का फैसला लिया था I